जमीनी विवाद में दबंगों ने युवक के मुंह और हाथों को फेविक्विक से चिपकाकर नाले में फेंका

अस्पताल में व्यथा सुनता पीड़ित

चचेरे भाइयों पर वेरहमी से पिटाई कर बेहोसी की हालत में हाथ व मुंह चिपकाकर फेंकने का आरोप

सुबह होश आने पर युवक नाले से निकलकर मुहल्ले में पहुँचा

मोहल्ले के पार्षद ने पीड़ित को जिला अस्पताल भेजकर कराया इलाज

पीड़ित व अन्य परिजनों पर विपक्षियों ने कराया था मामला दर्ज

ललितपुर। शहरी मोहल्ले का एक पार्षद ने जब एक ग्रामीण गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय में कराया, तो से देखकर हड़कम्प मच गया । पीड़ित व्यक्ति के दोनों हाथ और ओंठ फेवीक्विक नामक पदार्थ से चिपके हुए थे और वह काफी खराब हालत में था। जानकारी करने पर पता चला वह इसी स्थिति में मोहल्ले में घूम रहा था, तो पार्षद ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया । इलाज के बाद जब उसके दोनों हाथों को अलग अलग किया गया और मुंह को साफ कर खोला गया, तो उसने अपनी व्यथा सुनाई । पीड़ित का आरोप है कि जमीनी विवाद में उसके चचेरे भाइयों ने उसका अपहरण किया और फेवीक्विक नामक पदार्थ से उसके हाथ और उसका मुंह छिपकर उसे गांव से करीब 30 किलोमीटर दूर लाकर शहरी इलाके के एक नाले में मरने के लिए फेंक दिया । वह रात और बेहोशी की हालत में नाले में पड़ा रहा और सुबह जब होस आया तो वह उसी हालत में मोहल्ले में पहुंचा, जहां उसकी हालत को देखते हुए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रविवार की सुवह जेल चौराहे के पास मुहल्ला रामनगर के आस-पास एक ग्रामीण किस्म का व्यक्ति अर्ध मूर्छित अवस्था में चलता हुआ दिखाई दिया जिसके दोनों हाथ व ओंठ किसी पदार्थ से चिपके हुए थे। जब ग्रामीण थी इस संदिग्ध हालत को मोहल्ले के पार्षद मुकेश रजक ने देखा, तब अन्य लोगों की मदद से उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया । जहां डॉक्टरों ने उसका इलाज किया और उसके दोनों हाथ और होठों को अलग अलग किया। जिसके बाद पीड़ित ग्रामीणों ने बताया वह कोतवाली तालबेहट क्षेत्र के  अन्तर्गत ग्राम टेटा का निवासी देशराज पुत्र मोहन बरार है और उसकी इस हालत के जिम्मेदार  सभी परिवार के चचेरे भाई हैं। पीड़ित ने बताया कि उसका आपसी पारिवारिक जमीनी विवाद उसके चाचा और चचेरे भाइयों से चल रहा है। जिस कारण उसके चाचा और चचेरे भाई से आपसी रंजिश ही रहते हैं। पीड़ित ने बताया कि गांव में उसके चचेरे भाई की पत्नी अनिता बरार के नाम से बन रहे प्रधानमंत्री आवास को लेकर विवाद उतपन्न हुआ था। जिसके चलते दोनों ही तरफ से गाली गलौज और मारपीट की गई थी। लेकिन अनीता की तहरीर पर तालबेहट पुलिस ने देशराज पुत्र मोहन उसकी मां सविता पत्नी देशराज के साथ भगवती पत्नी मोहन सहित आधा दर्जन से अधिक के खिलाफ मामला पंजीकृत कर लिया था। जिसके बाद अनिता के पति मुकेश के साथ देवर रवि जेठ राकेश एवं अपने लड़के राज ने उसके घर से उसका अपहरण कर लिया और उसे बंधक बनाकर उसके साथ जमकर मारपीट की तथा फेवीक्विक नामक पदार्थ से उसके दोनों हाथ और वह चिपकाकर उसे घर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेकर आए और शहरी इलाके के एक नाले में मरने के लिए फेंक दिया था। जहां वह रात भर बेहोश पड़ा रहा और उसे जब सुबह होश आया तो वह भी ऐसी ही हालत में मोहल्ले में मदद के लिए पहुंचा। जिसके बाद मुहल्ले की पार्षद ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था।

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