जवाहर नवोदय विद्यालय दैलवारा में पढ़ने वाले छात्र देर रात बैठे धरना प्रदर्शन पर

धरना प्रदर्शन करते छात्र


 सदर एसडीएम अमित कुमार भारतीय

जवाहर नवोदय विद्यालय दैलवारा में पढ़ने वाले छात्र देर रात बैठे धरना प्रदर्शन पर

आवासीय विद्यालय में गुणवत्ता विहीन खाना मिलने और हॉस्टल में व्याप्त तमाम अनियमितताओं के विरोध में जमकर की नारेबाजी

धरने के सूचना पर नायब तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन समाप्त कराया

सक्षम अधिकारियों के समय समय पर निरीक्षण न करने और विद्यालय प्रशासन की मनमानी के चलते उतपन्न हुई समस्या

हिमांशु सुडेले के साथ दशरथ कुशवाहा की रिपोर्ट
ललितपुर। पूर्ववर्ती सरकारों के शासनकाल में विद्यार्थियों को अच्छी और गुणवत्ता परक शिक्षा दीक्षा के लिए जवाहर नवोदय विद्यालयों का गठन किया गया था और लगभग प्रत्येक जनपद में ऐसे विद्यालयों को खोला गया था, जो केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के अधीन हैं। जिसमें आवासीय विद्यालय की सुविधा देकर छात्र छात्राओं को गुणवत्ता पर शिक्षा दी जाती है । लेकिन देखरेख और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते इन जवाहर नवोदय विद्यालय में तैनात जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों की मनमानी के चलते विद्यार्थी लगातार परेशान हो रहे हैं और अनियमितताओं का शिकार हो रहे हैं, ऐसे में विद्यार्थियों का आक्रोश टूटना लाजमी है। ऐसे ही एक मामले में जनपद के एक जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे देर रात्रि धरना प्रदर्शन अनशन पर जा बैठे । जहां उन्होंने रात्रि में ही शासन प्रशासन के साथ-साथ जवाहर नवोदय विद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । छात्रों का आरोप है कि उन्हें विद्यालय में गुणवत्ता विहीन खाना परोसा जाता है । खाना ऐसा होता है जो जानवर भी ना खाएं वह खाना होने के लिए खाने के लिए दिया जाता है। साथ ही उनके आवास के आसपास व्याप्त गंदगी का माहौल में पढ़ने नहीं देता और यहां पर पेयजल की भारी किल्लत बनी हुई है । कई बार स्कूल प्रशासन को अवगत कराने के बाद जब सुविधाओं में सुधार नहीं हुआ तब विद्यार्थी अनशन पर जा बैठे। हालांकि अनशन धरना प्रदर्शन की सूचना पर नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और व्याप्त अनियमितताओं में जल्द सुधार का हवाला देकर उनका धरना प्रदर्शन समाप्त कराया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद से करीब 10 किलोमीटर दूर ग्राम दैलवारा के पास शासन की मंशा के अनुरूप ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को गुणवत्ता परक शिक्षा दीक्षा प्रदान करने के लिए जवाहर नवोदय आवासीय विद्यालय का स्थापन किया गया था, जहां सैकड़ों बच्चे शिक्षा दीक्षा ग्रहण कर रहे हैं । ऐसे विद्यालयों में देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपी गई थी । लेकिन वर्तमान समय में जिला प्रशासन के अधिकारियों की उदासीनता के कारण जवाहर नवोदय विद्यालय में तैनात प्रधानाचार्य और अन्य कर्मचारियों द्वारा यहां पढ़ने वाले सैकड़ों छात्र छात्राओं की अनदेखी की जा रही है । आलम यह कि यहां पर विद्यार्थियों को ना तो समय पर खाना मिलता है और ना ही यहां का खाना गुणवत्ता परक होता है। इसके साथ ही यहां पर विद्यार्थियों के लिए रहने को बनाए गए हॉस्टल के कमरों में सुविधाओं का अभाव है। यहां पर पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पानी नहीं आता, हॉस्टल के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पास जरूरी सुविधाएं नहीं है । पढ़ने वाले विद्यालय के छात्रों ने कई बार स्थानीय विद्यालय प्रशासन से सुविधाओं के बारे में शिकायत की। लेकिन जब अधिकारियों की उदासीनता नजर आए तब विद्यालय में पढ़ने वाले सैकड़ों छात्र मंगलवार की देर रात्रि विद्यालय परिसर में ही धरना प्रदर्शन अनशन पर बैठ  गए। जहां उन्होंने धरना प्रदर्शन कर शासन प्रशासन के साथ-साथ विद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि इस धरना प्रदर्शन की जानकारी जैसे ही जिला प्रशासन को मिली, वैसे ही आला अधिकारियों के निर्देश पर नायब तहसीलदार रात्रि में ही मौके पर पहुंचे और विद्यार्थियों को सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने एवं गुणवत्ता परक खाना परोसे जाने का आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन समाप्त कराया।

इस मामले में सदर एसडीएम अमित कुमार भारतीय ने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रदर्शन की सूचना पर तत्काल नायब तहसीलदार को मौके पर भेजा गया था,  जिन्होंने विद्यार्थियों को समझा-बुझाकर उनका धरना प्रदर्शन समाप्त कराया था । विद्यार्थियों की शिकायत थी कि विद्यालय में अच्छा भोजन नहीं मिलता और हॉस्टल में सुविधाओं का अभाव है। जिनकी शिकायत पर गौर करते हुए उनकी समस्याओं का जल्द समाधान करवाने की कवायद चल रही है।

इसके पहले भी छात्र कर चुके हैं धरना प्रदर्शन
आपको बताते चलें कि इसके पूर्व भी यहां पर पढ़ने वाले विद्यार्थी कई बार विद्यालय प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन अनशन कर चुके हैं। हालांकि कई बार प्रशासनिक अधिकारियों की मध्यस्थता से छात्र और विद्यालय प्रशासन के बीच उजागर हुए मतभेद शांत कराए गए । लेकिन विद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया, जिस कारण बुक पढ़ने वाले छात्रों को अपने हक के लिए धरना प्रदर्शन अनशन करना पड़ रहा है । जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि ऐसे आवासीय विद्यालयों का निरीक्षण समय-समय पर प्रशासनिक अधिकारी करते रहे, ताकि वहां की व्यवस्था है सुचारु चलती रहे । लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा यहां पर पड़ने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है

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