विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में अब तक खोजे गए सत्रह रोगी

हिमांशु सुडेले के साथ मुकेश बुन्देली की रिपोर्ट

सभी चिन्हित रोगियों का उपचार हुआ शुरू

ललितपुर। विकासखंड जखौरा के ग्राम निवाहो निवासी 45 वर्षीय ब्रजेश कुमार (काल्पनिक नाम) ने बताया कि मुझे कुछ समय से खांसी तथा बुखार की शिकायत थी। एक दिन जब ज्यादा खांसी आई तो जिला क्षय रोग केंद्र में आए। यहां पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ आर एन सोनी को दिखाया, जिन्होंने मेरी स्क्रीनिंग करवाई। जांच में बलगम का नमूना लिया गया। बाद में रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। मेरा उपचार टीबी हेल्थ विजिटर विकास श्रीवास्तव ने शुरू किया। चिकित्सक ने लगातार दवा खाने और पौष्टिक आहार लेने के लिए कहा है।
शहर के तालाबपुरा निवासी 55 वर्षीय दीना (काल्पनिक नाम) ने बताया कि मोहल्ला तालाबपुरा में टीबी हेल्थ विजिटर विकास श्रीवास्तव से विजिट के दौरान मुलाकात हुई तो मैंने अपनी समस्या बताई। वह मुझे साथ में जिला क्षय रोग केंद्र ले आए। यहां मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे एस बक्शी को दिखाया। उन्होंने मेरा एक्सरे कराया। एक्सरे देखने के बाद बताया कि अब तुम्हे छह माह लगातार दवा खाने होगी। छह माह का पूरा उपचार लेने के बाद 13 जून को आखिरी जांच हुई। इसमें जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ आर एन सोनी ने बताया कि अब तुम ठीक हो। पहले मेरा वजन 27 किलोग्राम था और अब ठीक होने के बाद वजन 31 किलोग्राम हो गया है। उपचार के दौरान डीपीएम रजिया मैम द्वारा हर माह पोषण सामग्री उपलब्ध कराई गई। सीएमओ डॉ जे एस बक्शी ने बताया है कि देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त बनाने का प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जिला क्षय रोग विभाग की ओर से चलाए गए विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में  अब तक 17 क्षय रोगी चिन्हित किए गए हैं। जिनका उपचार शुरू कर दिया गया है। यह अभियान 15 मई से शुरू होकर 21 कार्य दिवसों तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) के माध्यम से संचालित हुआ था । उन्होंने बताया कि दूरदराज क्षेत्र के टीबी संभावित लक्षण वाले लोग नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जांच करा सकेंगे। कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) के माध्यम से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। जांच में पॉज़िटिव आने के बाद टीबी रोगियों का उपचार शुरू करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर टीबी की जांच व उपचार समय से किया जाए तो इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। इस अभियान में आशा कार्यकर्ता तथा एएनएम ने घर-घर जाकर क्षय रोगियों की खोज की। इस दौरान संभावित क्षय रोग के लक्षण वाले लोगों को चिन्हित कर सेंटरों पर बुलाकर स्क्रीनिंग की गई। इसमें 17 लोग पॉजिटिव पाए गए। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ आर एन सोनी ने बताया कि इस विशेष अभियान में एचडब्ल्यूसी के माध्यम से 291 शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों के माध्यम से 6218 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान 1093 टीबी संभावित लक्षण वाले पाए गए। 1071 का नमूना लिया गया। इसमें 17 लोग पॉजिटिव पाए गए। जन समुदाय में टीबी के प्रति जागरूकता विभिन्न माध्यमों से फैलाई जा रही है। इसमें (टीबी के लक्षण, प्रकार, रोकथाम और इससे बचाव) की जानकारी दी जा रही है। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच व उपचार उपलब्ध है साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को 500 रुपये प्रतिमाह उपचार के दौरान दिए जाते हैं। इस धनराशि को सीधे उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाता है।
डिस्ट्रिक पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ सौरभ सक्सेना ने बताया कि क्षय रोग के लक्षणों में दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आना, वजन में कमी आना, रात में पसीना आना, बलगम में खून आना, शाम के समय बुखार आना, लगातार वजन मैं कमी आना, सीने में दर्द होना, थकान लगना, रात में पसीना आना. भूख न लगना है।  तो टीबी की पहचान के लिए जांच स्वास्थ्य केंद्र में अवश्य कराएं। इलाज को बिल्कुल बीच में न छोड़े क्योंकि ऐसा करने पर एमडीआर टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है। टीबी को फैलने से रोकने के लिए क्षय रोग के मरीज छींकते,खांसते समय पर मुंह पर कपड़ा अवश्य रखें।

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