ललितपुर में पशुओं में लंपी रोग फैलने से रोकें : जिलाधिकारी

गुढ़ा गांव में पशुओं को देखते हुए, डीएम, एडीएम, सीडीओ, सीवीओ सहित अन्य अधिकारी

लंपी संक्रमण के दृष्टिगत जिला प्रशासन सतर्क

पशुपालकों को सतर्कता बरतने हेतु जिलाधिकारी की अपील

जानकारी व समाधान के लिए 9760822075 पर करें संपर्क

मध्यप्रदेश से लगे जिलों में ड्रॉप बैरियर लगे, पुलिस फोर्स तैनात

ग्राम गुढ़ा सहित कई गांवों में टीम ने पशुओं का टीकाकरण किया

हिमांशु सुडेले के साथ अभिषेक बुन्देला की रिपोर्ट
ललितपुर। उत्तर प्रदेश के ललितपुर में जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने अवगत कराया है कि जनपद के गोवंशों में Lumpy Skin Disease (L.S.D) का संक्रमण गतवर्ष की भाति पुनः तेजी से फैल रहा है, जिसके दृष्टिगत जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। जनपद में पशु चिकित्सा अधिकारियों ,पशुधन प्रसार अधिकारीयों, पैरावेट, पशु मैत्री की 18 टीम बनाई गई है, जो ग्रामों में इस बीमारी का सर्विलांस का कार्य कर रही है। आज ग्राम- गुढ़ा, भदौरा, छापछौल, मेंगुवा, नवागढ़, जगारा, अगोढ़ी, बंजरया सहित कई ग्रामों में पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
एहतियात बरतने के लिए मध्यप्रदेश से लगे हुए जिला टीकमगढ़ से लगे छापछोल, जगारा, केलगुवां, बानपुर वाणाघाट, निवारी, मोगान में ड्रॉप बैरियर गेट लगवाए हैं, जहाँ पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
जिलाधिकारी ने संक्रमण के प्रसार को रोकने हेतु दिशा-निर्देश जारी करते हुए अवगत कराया है यदि किसी भी क्षेत्र में लंपी स्किन बीमारी के संक्रमित पशु दिखाई दें तो इस नंबर पर तत्काल राजकीय पशु चिकित्सालय सदर पर स्थापित कंट्रोल रूम प्रभारी उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ विजय यादव को 9760822075 पर सूचना दें।
     उन्होंने बताया कि Lumpy Skin Disease (L.S.D) एक विषाणु जनित रोग है। रोग में पशु को तेज बुखार, ऑख व नाक से पानी गिरना, पैरों में सूजन, पूरे शरीर में कठोर एवं चपटी गॉठ आदि प्रकार के लक्षण पाये जाते है। कभी-कभी सम्पूर्ण शरीर की चमड़ी विशेष रूप से सिर, गर्दन, थूथन, थनों, गुदा व अंडकोष या योनिमुख के बीच के भाग पर गॉठो के उभार बन जाते है तथा पूरा शरीर गॉठो से ढक जाता है।

जिलाधिकारी ने जनपद के पशु पालकों से अपील की है कि लंपी रोग के संक्रमण से बचने हेतु जिला प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करें व समस्या होने पर कंट्रोल रूम प्रभारी को सूचित करें।

इस संबंध में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने विस्तार से जानकारी देते हुए कि Lumpy Skin Disease (L.S.D) का विषाणु बीमार पशु के लार, नासिक स्राव, दूध एवं वीर्य में पाये जाते है। बीमार पशु के सीधे सम्पर्क में आने से या रोगग्रस्त पशु के स्राव से प्रदूषित चारा, पानी खाने से स्वस्थ पशु बीमार हो सकता है। मुख्यतः मच्छरों, मक्खियों, किलनी आदि जैसे खून चूसन वाले कीड़ो के काटने से यह रोग बहुत तेजी से फैलता है। टीकाकरण एवं इन्जेक्शन के दौरान दूषित सुईयों के प्रयोग से यह रोग अन्य पशुओं में फैल सकता है। लक्षण दिखायी देने पर तत्काल निकट के पशु चिकित्साधिकारी को सूचित करें। बुखार की स्थिति में पशु चिकित्सक की सलाह से ज्वर नाशक यथा पैरासीटामॉल एवं एन्टीबायोटिक आदि औषधियों का प्रयोग करें।

रोग प्रकोप के समय क्या करें

सर्वप्रथम निकटतम पशु चिकित्साधिकारी को सूचित करें। प्रभावित पशु को स्वस्थ पशु से अलग करें। पशुओं को सदैव साफ पानी पिलायें। पशुओं को मच्छरों, मक्खियों, किलनी, आदि से बचाने हेतु पशुओं के शरीर पर कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें। बीमार पशुओं की देखभाल करने वाले व्यक्ति को भी स्वस्थ पशुओं के बाड़े से दूर रहना चाहिये

रोग प्रकोप के समय क्या ना करें

बीमार एवं स्वस्थ पशुओं को एक साथ चारा-पानी न कराये। प्रभावित क्षेत्रों से पशु खरीद कर न लायें। यदि किसी पशु की मृत्यु होती है, तो शव को खुले में न फेंके एवं वैज्ञानिक विधि से दफनायें। रोगी पशु के दूध को बछड़े को न पिलायें
          बीमारी से सम्बन्धित किसी भी जानकारी के लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ देवेंद्र पाल सिंह से नम्बर 9412421554 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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