ललितपुर में लंपी रोग संक्रमण के नियंत्रण हेतु संवेदनशीलता जरुरी : अपर मुख्य सचिव

अपर मुख्य सचिव ने गुढ़ा गांव में पशुपालकों से वार्ता कर संक्रमित पशुओं को देखा

महरौनी, मड़ावरा एवं बार ब्लॉक में पशुओं का 02 दिन में शत-प्रतिशत टीकाकरण करायें

पशु चिकित्सा अधिकारी तैनाती स्थल पर ही निवास करें, कोई अवकाश देय नहीं होगा

प्रभावित ग्रामों के 05 किमी क्षेत्र में संक्रमण नियंत्रण हेतु उपायों की मुनादी करायें

सर्विलांस टीमों को सक्रियता से कार्य करने के सख्त निर्देश

टीकाकरण डोज व दवाओं की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहे

पशुओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण पशु चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी

हिमांशु सुडेले के साथ अभिषेक बुन्देला की रिपोर्ट
ललितपुर। उत्तर प्रदेश के जनपद ललितपुर में अपर मुख्य सचिव, दुग्ध विकास, मत्स्य एवं पशुधन विभाग डॉ0 रजनीश दुबे ने लंपी संक्रमण के प्रसार के दृष्टिगत जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी सहित जनपद के आला अधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक करते हुए निर्देश दिये कि महरौनी, मड़ावरा एवं बार की गौशालाओं में पशुओं का 02 दिन में शत-प्रतिशत टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें। पशु चिकित्सा अधिकारी अपने तैनाती स्थल/विकासखण्ड पर ही अनिवार्य रुप से निवास करें, इस दौरान कोई भी अवकाश देय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामों के 05 किमी क्षेत्र में संक्रमण नियंत्रण हेतु उपायों की मुनादी कराने के साथ सर्विलांस टीमों को सक्रियता से कार्य करने के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पशुओं के टीकाकरण डोज व दवाओं की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रखें तथा पशुओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण पशु चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि लंपी रोग संक्रमण के नियंत्रण हेतु संवेदनशीलता जरुरी, इसमें किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एसीएस ने लंपी संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित विकास खण्डों महरौनी, मड़ावरा तथा बार जो मध्य प्रदेश से जुड़े हैं, के बोर्डर पर सघन निगरानी रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन विकासखण्डों में मध्य प्रदेश से पशुओं के आवागमन पर विशेष निगरानी रखी जाए, पशुओं की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगायें। साथ ही मुनादी कराकर ग्रामीणों को लंपी संक्रमण की जानकारी दी जायें। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को इस हेतु प्रेरित करें कि पशुओं में लंपी संक्रमण के लक्षण दिखते ही जिला प्रशासन को कण्ट्रोल रुम के माध्यम से सूचित करें। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर स्थापित कण्ट्रोल रुम को प्रभावी बनाने हेतु इसमें तैनात पशु चिकित्सकों एवं अन्य कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जाए।
उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद की गौशालाओं में संक्रमित पशुओं को स्वस्थ्य पशुओं से अलग रखें तथा 02 दिन के भीतर महरौनी, मड़ावरा एवं बार की गौशालाओं में पशुओं का युद्धस्तर पर शत-प्रतिशत टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें। यदि वैक्सीन की कमी है तो तत्काल शासन को मांग पत्र प्रेषित करें। इसके अलावा प्रभावित विकासखण्डों में क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों, ग्राम प्रधानों, मैत्री एवं पशुपालकों की वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से संवेदीकरण बैठक करायें।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि लंपी संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावित विकासखण्डों में सर्विलांस तेज कर क्षेत्रीय अधिकारियों को निरंतर निरीक्षण हेतु निर्देशित करें। साथ ही लंपी रोग से संबंधित पैंपलेट, क्या करें क्या न करें, छपवाकर ग्रामीण क्षेत्रों में बटवाएं।
उन्होंने सीवीओ को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाएं उपलब्ध रखें तथा पूर्व में किये गए टीकाकरण का वैरिफिकेशन करा लें। इसके साथ ही क्षेत्र में सचल वाहन, टीम, टीम लीडर, मेंबर्स का विवरण उपलब्ध करायें।
एसीएस ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये कि विकासखण्ड मुख्यालय पर ही रहकर क्षेत्रीय भ्रमण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने मड़ावरा विकास खण्ड हेतु डॉ0 संदीप कौशल को तैनात करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही डीपीआरओ व सभी बीडीओ यह सुनिश्चित करें कि कोई भी गौंवश सड़कों पर न दिखें, उन्हें कैटिल कैचर के माध्यम से गौशालाओं में पहुंचायें। सहभागिता योजना के तहत सुपुर्द किये गए गौवंशों का सत्यापन करायें कि वह पशुपालकों के द्वारा न छोड़े जायें तथा निराश्रित गौवंश का मॉनिटरिंग सेल बनाएं। जिन ग्राम पंचायतों में गौशालाएं नहीं हैं, वहा मनरेगा के माध्यम से अस्थायी गौशालाओं की व्यवस्था एवं अतिरिक्त शेड बनवायें। इसके साथ ही जो अधिकारी/कर्मचारी इन कार्यों में रुचि नहीं ले रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
अपर मुख्य सचिव ने बैठक के पश्चात ग्राम गुढ़ा पहुंचकर पशुपालकों से वार्ता की तथा मौके पर संक्रमित पशुओं को देखा। उन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सीय परीक्षण/निगरानी करने के निर्देश दिये।
बैठक में जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने अवगत कराया है कि जनपद में लंपी संक्रमण के नियंत्रण हेतु जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। जनपद में पशु चिकित्सा अधिकारियों, पशुधन प्रसार अधिकारीयों, पैरावेट, पशु मैत्री की 18 टीमें बनाई गई है, जो ग्रामों में इस बीमारी का सर्विलांस का कार्य कर रही है। उनके द्वारा कल ग्राम गुढ़ा, भदौरा, छापछौल, मेंगुवा, नवागढ़, जगारा, अगोढ़ी, बंजरया सहित कई ग्रामों में पशुपालकों से स्थलीय निरीक्षण कर वार्ता की गई तथा पशुओं का टीकाकरण कराया गया। एहतियात बरतने के लिए मध्यप्रदेश के जिला टीकमगढ़ से लगे छापछोल, जगारा, केलगुवां, बानपुर वाणाघाट, निवारी, मोगान में ड्रॉप बैरियर गेट लगवाए गए हैं, जहाँ पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। साथ ही जनपद स्तर पर राजकीय पशु चिकित्सालय सदर पर स्थापित कंट्रोल रूम नं0-9760822075 स्थापित किया गया है, जिसका प्रभारी उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ विजय यादव को बनाया गया है।
बैठक में पुलिस अधीक्षक मो0 मुश्ताक, मुख्य विकास अधिकारी कमलाकांत पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी वि/रा अंकुर श्रीवास्तव, पीडी डीआरडीए एके सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 देवेन्द्र पाल सिंह, डीपीआरओ नवीन मिश्रा, सहायक निदेशक सूचना सुरजीत सिंह, सहायक निदेशक मत्स्य सहित समस्त उप जिलाधिकारी सदर, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, अन्य सम्बंधित अधिकारी एवं पशु चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।

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