पर्यूषण पर्व के अंतिम दिन धार्मिक अनुष्ठानों की मची धूम

दशलक्षण पर्व के दसवें दिन की गयी उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना

अनन्त चतुर्दशी पर निर्वाण लाडू चढ़ाकर मनाया वासुपूज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक

तम्बोला प्रतियोगिता में ऋचा जैन ने बाजी मारी

महिलाओं ने डांडिया नृत्य और बच्चों ने किया नाटक

हिमांशु सुडेले के साथ राजेश कुमार की रिपोर्ट
तालबेहट(ललितपुर) । सिद्ध क्षेत्र पावागिरि सहित कसबे के दोनों जैन मंदिरों में दशलक्षण महापर्व में दस दिन से निरंतर धर्म की प्रभावना हो रही है। पर्यूषण पर्व के दसवें दिन अनंत चतुर्दशी और उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की गयी एवं जैन धर्म के बारहवें तीर्थंकर प्रथम बालयति, चम्पापुर से मोक्ष पधारे भगवान वासुपूज्य स्वामी का मोक्ष कल्याणक मनाया गया। नये बस स्टैंड पर स्थित वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में सुबह नित्यमय शांतिधारा अभिषेक पूजन विधान के उपरांत निर्माण लाडू चढ़ाकर मूलनायक भगवान वासुपूज्य स्वामी का मोक्ष कल्याणक मनाया एवं तत्वार्थ सूत्र का वाचन किया। सायं काल की बेला में अंजनी नगर स्थित श्रावक श्रेष्ठी मोदी राजकुमार राकेश जैन पवा के निवास से भव्य शोभा यात्रा के साथ मंदिर के लिए आरती निकाली गयी, महिलाएं मंगल गीत गाती हुयी एवं श्रद्धालु भक्तिभाव से डीजे की धार्मिक धुनों पर नृत्य करते हुए चल रहे थे। मंदिर महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने सरगम म्यूजिक ग्रुप की धार्मिक धुनों पर नृत्यमय प्रस्तुति दी। मंगलाचरण विभा जैन ने किया। सांगानेर से पधारे अक्षत भैया ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा की दशलक्षण आत्मा की विशुद्धि बढ़ाने का पर्व है, जिसमें पहले चार दिन चारों कषाय क्रोध अभिमान मायाचारी और लोभ को छोड़कर पांचवें दिन उत्तम सत्य को अंगीकार करते हैं। फिर संयम पूर्वक तप और त्याग को धारण कर आकिंचन और ब्रह्मचर्य की साधना करते हैं। पांचों इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर लेना ही उत्तम ब्रह्मचर्य है।अहिंसा सेवा संगठन के संस्थापक विशाल जैन पवा ने कहा पर्यूषण पर्व में पूजन अर्चना और व्रत उपवास करने का विशेष महत्त्व है। एवं बताया 29 सितम्बर को नये मंदिर 30 सितम्बर को सिद्ध क्षेत्र पावागिरि और 1 अक्टूबर को बड़े मंदिर में क्षमावाणी महापर्व मनाया जायेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बोला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें ऋचा जैन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया एवं जितेन्द्र कुमार जैन, अंकित जैन, अनुज जैन, प्राशी जैन विजयी रहे। वहीं महिलाओं ने डांडिया नृत्य और बच्चों ने मोह-माया नाटक की मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन विशाल जैन पवा और अजय जैन ने संयुक्त रूप से किया। प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया एवं अक्षत भैया को मंदिर समिति ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में सकल दिगंबर जैन समाज का सहयोग रहा।

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